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Dr Kishore of Disha in Jaipur awarded for art integration with learning and therapy

  • Writer: Lalit Kishore
    Lalit Kishore
  • Nov 1, 2021
  • 1 min read

दिशा संस्था के डॉ किशोरको कला के शैक्षिक संयोजन के लिए मिला सम्मान



जयपुर: दिव्यांग बच्चों की शिक्षा एवं सेवा के लिए प्रतिबद्ध दिशा फाउंडेशन के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ ललित किशोर - जो 'नॉन-आर्ट यूज़ ऑफ़ आर्ट' के क्षेत्र में शोध कर रहें हैं - को हाल ही में 'शो योर टैलेंट (एस वाई टी) इंटरनेशनल आर्टिस्ट्स ग्रुप' द्वारा 26 अक्टूबर को' बेस्ट आर्टिस्ट अवॉर्ड' से ऑनलाइन सम्मानित किया गया। डॉ किशोर को यह पुरस्कार 'टुटोरिअल आर्ट' में विशेष योगदान के लिए दिया गया।


टुटोरिअल आर्ट के अंतर्गत 'सामाजिक, सांस्कृतिक,लोक कलाएं एवं चित्र संकेत' आते हैं। इन कलाओं का उपयोग शैक्षिक तथा थरेपी या चिकित्सा के लिये कि्या जाता है। वर्ष 2021 में विशिष्ठ तौर पर डॉ किशोर ने ५० से अधिक बिंदु-आधारित रंगोली कला तो आकृति-आधारित कला तो सोपानसः रूप में बदल कर उसे शैक्षिक थरेपी का रूप दिया। उनके 'नॉन-आर्ट यूज़ ऑफ़ आर्ट' आधारित शोध-पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर स्वीकृत हो चुकें हैं।


इस के अतिरिक्त, टर्की-स्थित 'आर्ट हाउस' समूह ने डॉ किशोर को कवर पेज पर उन के डूडल एवं डिजिटल

आर्ट में योगदान के लिए स्थान दिया और पदक भी प्रदान किया। उन्होने डूडल आर्ट का उपयोग दिशा-कार्मिकों, डॉ अलका अवस्थी और वर्षा टिक्कीवाल, की मदद से अधिगम-अक्षमता वाले बच्चों पर उनकी ध्यान-केंद्रण, समन्वय कौशलों और फाइन-मोटर विकास के लिए भी किया है। डॉ किशोर ने पेडागोजी में डॉक्टरेट की है तथा वे लोक जुम्बिश के निदेशक और केंद्रीय विद्यालय संगठन में डिप्टी कमिश्नर रह चुके हैं।

 
 
 

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