top of page
Search
Writer's pictureLalit Kishore

We're Gratuitously Unhappy - हम नाहक दुःखी : A short Hindi Poem


हम नाहक दुःखी

प्रकृति आनन्दमय

प्रभु आनंद-स्वरूप

पर मानव दुःखी


चूँकि

हो गया भ्रम-मय

भूला आत्मरूप

हो गया महा बाह्यमुखी


चूँकि

हो प्रभु-प्रकृति से विमुख

हो गया लालची-लोलुप

और पा रहा दुःख

और दे रहा दुःख


करो यह अब-सब ...

प्रकृति-घर वापसी

बढ़ाओ प्यार आपसी

बन प्रभु-मानसी


-ललित किशोर

5 views0 comments

Comments


Post: Blog2_Post
bottom of page