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We're Gratuitously Unhappy - हम नाहक दुःखी : A short Hindi Poem

Writer's picture: Lalit KishoreLalit Kishore

हम नाहक दुःखी

प्रकृति आनन्दमय

प्रभु आनंद-स्वरूप

पर मानव दुःखी


चूँकि

हो गया भ्रम-मय

भूला आत्मरूप

हो गया महा बाह्यमुखी


चूँकि

हो प्रभु-प्रकृति से विमुख

हो गया लालची-लोलुप

और पा रहा दुःख

और दे रहा दुःख


करो यह अब-सब ...

प्रकृति-घर वापसी

बढ़ाओ प्यार आपसी

बन प्रभु-मानसी


-ललित किशोर

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