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Writer's pictureLalit Kishore

ये सब क्या हो गया : अकविता


ये सब क्या हो गया

(टिपण्णी : यह रचना फेसबुक के ऊपर व्यक्त विचारों पर आधारित है )

पुख्ता त्यारी नहीं की -

तो किया महामारी ने

जीवन सत्यानाश।

~*~

सम्पन्नों, सामंतों को

दी बेच जन-सम्पत्ति

औ किया महाविनाश ।

~*~

अब कहते हैं

कुछ नहीं होगा -

प्रभु-इच्छा है ऐसी।

~*~

जीवन है बस

पैसे-वालों का खेल

गरीबों की ऐसी की तैसी।



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